5 Tips about सफेद मूसली के लाभ You Can Use Today



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सफेद मूसली कैप्सूल और पाउडर, दोनों में क्या बेहतर है?

सागौन, पापुलर अथवा पपीते के साथ अंर्तवर्तीय फसल के रूप में मूसली की खेती

इम्युनिटी को बढ़ाकर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से शरीर को बिमारियों से लड़ने की ताकत आती है। यह संक्रामक बीमारियों में सर्दी-जुकाम में भी खायी जाती है। इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए इसका सेवन करे।

स्वस्थ आहार अनाज विटामिन तेल पेय फल बीज और सूखे मेवे मसाले हेल्दी रेसपी खनिज पदार्थ

यह ताकत देने वाली जड़ी बूटी है, तो यह वजन भी बढ़ा सकती है।

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– सफेद मूसली खून में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर सकती है। इस here वजह से लो शुगर की समस्या से जूझ रहे लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए या फिर शुगर की दवाई खा रहे लोगों को भी ये नहीं खानी चाहिए।

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अधिक मात्रा में मुसली लेने से पेट की समस्याएं हो जाती हैं।

सफेद मूसली की खुराक हर व्यक्ति की उम्र, शरीर, मजबूती, भूख आदि पर निर्भर करती है। यदि मूसली का सेवन करने से आपकी भूख प्रभावित होती है तो आपको इसकी कम खुराक लेनी चाहिए।

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सफेद मुसली की फसल में कोई विशेष बीमारी नहीं लगती है अतः किसी प्रकार के कीटनाशकों का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है।

मूसली के फूलों का रंग सफ़ेद होता है। इसलिए इसे सफ़ेद मूसली कहा जाता है। वैसे तो यह जगलों में बारिश के मौसम में अपने आप ही उग जाती है, किन्तु इसके इतने चमत्कारिक फायदे होने की वजह से इसकी पुरे देश में खेती की जाने लगी है।

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